नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर एक चौंकाने वाला दावा किया है. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए धांधली का आरोप लगाया है. उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे ’मैच फिक्सिंग महाराष्ट्र’ शीर्षक नाम के लेख में यह दावा किया है. जिसको राहुल गांधी ने एक्स पर शेयर करते है चुनाव में हेराफेरी का आरोप लगाया है.
इस आर्टिकल में राहुल गांधी ने किस तरह से महाराष्ट्र चुनाव में धांधली हुई उस बारे में पॉइंट टू पॉइंट बात की है. उन्होंने अपने लेख में पांच स्टेप्स के बारे में बात कि है किस तरह चुनाव में धांधली हुई. राहुल गांधी ने इस बारे में एक्स पर भी लिखा. उन्होंने लिखा एक्स पर ‘चुनाव की चोरी का पूरा खेल!’ शीर्षक देते हुए एक्स पर लिखा कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था. उन्होंने कुल 5 स्टेप का जिक्र भी किया कि कैसे यह साजिश रची है.
पहला स्टेप: चुनाव आयोग की नियुक्ति करने वाले पैनल पर कब्ज़ा
दूसरा स्टेप: वोटर लिस्ट में फर्ज़ी मतदाता जोड़े गए
तीसरा स्टेप: मतदान प्रतिशत बढ़ा चढ़ा कर दिखाए
चौथा स्टेप: जहां बीजेपी को जिताना था, वहां टारगेट करके फर्जी वोटिंग कराई गई
पांचवा स्टेप: सबूतों को छुपा दिया गया
उन्होंने आगे लिखा ये समझना बिल्कुल मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में भाजपा इतनी बौखलाई हुई क्यों थी? लेकिन चुनाव में धांधली भी मैच फिक्सिंग जैसी होती है–जो पक्ष धोखाधड़ी करता है, वो भले ही जीत जाए, लेकिन इससे लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है.
हर ज़िम्मेदार नागरिक को सबूतों को खुद देखना चाहिए, सच्चाई समझनी चाहिए और जवाब मांगने चाहिए. क्योंकि महाराष्ट्र की यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी और फिर वहां भी, जहां-जहां बीजेपी हार रही होगी. मैच फिक्स किए गए चुनाव लोकतंत्र के लिए जहर है.
राहुल गांधी के इस लेख के बाद बीजेपी ने उन पर पलटवार किया है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने लिखा, “राहुल गांधी को चुनावी प्रक्रिया को बहुत बहुत अच्छे से समझते हैं. उनका लक्ष्य स्पष्टता नहीं, बल्कि अराजकता फैलाना है. वे जानबूझकर बार-बार मतदाताओं के मन में हमारी संस्थागत प्रक्रियाओं के प्रति संदेह और मतभेद के बीज बोने की कोशिश करते हैं. कांग्रेस चुनाव जीती है चाहे वह तेलंगाना हो या कर्नाटक तब चुनाव को निष्पक्ष बताया जाता है वही हारने षड्यंत्र का शिकार बताया जाता है.”
यह सीधे-सीधे जॉर्ज सोरोस की रणनीति से लिया गया है लोगों का अपनी संस्थाओं में विश्वास को व्यवस्थित रूप से कमजोर करना, ताकि उन्हें राजनीतिक लाभ के लिए अंदर से तोड़ा जा सके भारत का लोकतंत्र मजबूत है इसकी संस्थाएं लचीली है और भारतीय मतदाता बुद्धिमान है.
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने लिखा, “महाराष्ट्र चुनाव का रहस्य जारी है. अभी तक ख़त्म नहीं हुआ है. चुनाव आयोग को पारदर्शी तरीक़े से सवालों का जवाब देना चाहिए था. पारदर्शी और विश्वसनीय तरीक़े से. राहुल गांधी के इस लेख के बाद एक एक बिंदु पर मुख्य चुनाव आयुक्त भी लिख सकते हैं. जब भी लगता है कि सब इसे भूल गए हैं, मुद्दा सामने आ जाता है“
पत्रकार दयाशंकर मिश्रा ने लिखा, “नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी चुनावों में धांधली पर लगातार तथ्यात्मक सवाल पूछ रहे हैं. आंकड़ों का अंतर 7% के पार पहुँच गया है लेकिन चुनाव आयोग की चुप्पी नहीं टूट रही। चुनाव आयोग को शायरी और प्रवचन से आगे बढ़कर साफ़-साफ़ इन सवालों के जवाब देने चाहिए. विपक्ष के दूसरे नेताओं को इस मामले में हिचक छोड़कर जनता के सामने अपना पक्ष रखने को प्राथमिकता देनी चाहिए.”